Saturday, March 15, 2025

गणेश जी के टूटे दांत की कहानी

यह कहानी भगवान गणेश के टूटे हुए दांत से जुड़ी हुई है, जो आज भी हमारी पूजा में महत्वपूर्ण है और उनके बारे में कई दिलचस्प बातें बताती है। 

एक बार की बात है, भगवान शिव और पार्वती के घर एक सुंदर सा बच्चा जन्मा। यह बच्चा था भगवान गणेश, जिनके शरीर का ऊपरी हिस्सा मानव जैसा था, परंतु सिर एक हाथी का था। भगवान शिव और पार्वती का प्यारा बेटा गणेश बहुत ही प्रिय और शांत स्वभाव का था। 

एक दिन भगवान शिव अपनी पत्नी पार्वती से बातचीत कर रहे थे और गणेश जी को अकेला छोड़ दिया था। गणेश जी उस समय पार्वती की सुरक्षा में बाहर जाने की कोशिश कर रहे थे। लेकिन जब शिव जी घर लौटे और उन्होंने देखा कि कोई अंदर नहीं जा रहा, तो वह थोड़े क्रोधित हो गए।

तभी भगवान शिव ने अपने त्रिशूल से गणेश जी की सिर पर वार किया, जिससे गणेश जी का एक दांत टूट गया। लेकिन उस समय गणेश जी न केवल गुस्से में आए, बल्कि वह शांत भी रहे। उनका यह आत्म-नियंत्रण उनके महान व्यक्तित्व को दर्शाता है।  

जब गणेश जी के टूटे हुए दांत की कहानी शिव जी से पूछी गई, तो शिव जी ने बताया कि वह एक महान उद्देश्य के लिए था। शिव जी ने गणेश जी के टूटे हुए दांत को तात्कालिक समय के सभी कार्यों में एक महान कार्यस्थल बनने के रूप में देखा। गणेश जी के टूटे हुए दांत को बाद में एक पवित्र रूप में पूजा जाता है, और यह उनके जीवन में महानता और मार्गदर्शन की स्थिति को दर्शाता है।

इस घटना को एक प्रसिद्ध दृष्टिकोण भी माना गया, जिसमें गणेश जी के टूटे हुए दांत को उनके सामर्थ्य और संकल्प के प्रतीक के रूप में स्वीकार किया गया। 

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